हारे के सहारे आजा, तेरा दास पुकारे आजा,
हम तो खड़े तेरे द्वार, सुनले करूण पुकार।
हारे के सहारे…
(तर्ज: तेरे नाम का पुजारी आया…. )
लाख चाहूँ मगर बात बनती नहीं क्या करूँ,
नाव भटके मेरी पार लगती नहीं क्या करूँ,
कैसे नैया होगी पार, गई छूट पतवार
अब आके तू हाथ लगा जा।
हारे के सहारे…
कोई सुनता नहीं मैं सुनाऊँ किसे ये बता,
दर्दे दिल का भला मैं दिखाऊँ किसे ये बता,
तेरे होते मेरी हार कैसे होगी सरकार
एक बार यही समझा जा……।
हारे के सहारे…
है भरोसा तेरा अब सहारा तेरा सांवरे,
तेरे चरणों में है बस बसेरा मेरा सांवरे,
तू आजा एक बार, होके लीले पे सवार
और मोर छड़ी लहरा जा।
हारे के सहारे…
क्या भजन में तेरे श्याम गाता नहीं ये बता
अपने भजनों से मैं क्या रिझाता नहीं ये बता
आके तेरे दरबार करूँ, तेरी जय जयकार,
फिर आके मुझे अपना जा।
हारे के सहारे….