हारे का तू है सहारा साँवरे,
हमने भी तुमको पुकारा साँवरे,
नहीं और सहा जाये, हम बोल कहाँ जाये ।।
(तर्ज : चाहा है तुझको)
हमें अपनी आँखो से दूर नहीं करना,
हम रो पड़ेंगे मजबूर नहीं करना,
अपनों के सताये है, तेरी शरण में आये हैं ।। 1 ।।
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हम है कितने हारे परछाई कह रही है,
आँखों से दिल की सच्चाई बह रही है,
ये नीर जो बहता है, रो रो के जो कहता है ।। 2 ।।
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कितना भी हमपे हँसे ये जमाना,
“संजूः” कन्हैया से नाता है पुराना,
संतोष यही मन में, तुम हो मेरे जीवन में ।। 3 ।।
Bhajan Request – Barkha Bajoria (Bhagalpur)