छाई  गोकुल में हरयाली….Chaai Gokul Me Hariyali….तर्ज – मेरा नाम है चमेली

छाई  गोकुल में हरयाली,
कोयल कूके काली काली,
लियो आज रे जनम नन्दलाल ने,
खुशियां नन्द गांव में आई,
हीरे मोती दिए लुटाई,
लीला कैसी रे दिखाई, गोपाल ने। 


तर्ज – मेरा नाम है चमेली


नन्द बाबाजी ख़ुशी में झूमे,
अपने होश गवाए,
हीरा मोती और अशर्फी,
दोनों हाथ लुटाएं,
मेरे श्याम को नज़र,
ना लगा जाए,
बड़े दिनों के बाद मिली है,
ऐसी ख़ुशी निराली
हो गई चारों तरफ दिवाली,
झूले पद गए आम की डाली,
लियो आज रे जनम नन्दलाल ने। 

कान्हाँ के दर्शन करने को,
सभी देव ललचाये,
प्यारे प्यारे मुखड़े के,
हम कैसे दर्शन पाएं,
पलना में कन्हैया मुस्काये,
आज ख़ुशी में झूम रही है,
जमुना काली काली,
आँखें इनकी काली काली,
लटके लट जिनपे घुंघराली,
दिल सबका चुराया घनश्याम ने। 

गोद उठाये नन्द रानी जी,
मुखड़ा चूमे जाए,
जो दुनिया को नाच नचाये,
इनके अंगना आये,
तेरा गुणगान भारती अब गाये,
आज ब्रज की शोभा लगती,
स्वर्ग लोक से प्यारी,
ज्योति भजन बनाये,
जाए सत्य बलि बलि जाए,
लियो आज रे जनम नन्दलाल ने। 

Leave a Comment

Your email address will not be published.