श्याम भजन

तू लीले चढ़कर आज्या…Tu Lile Chadkar Aaja…

तू लीले चढ़कर आज्या,तेरी बाठ उडीकाँ घड़ी-घड़ी ।। टेर ।। (तर्ज : मेरी छतरी के नीचे) भक्‍ता दरबार सजायो है,थान न्यूतो श्याम भिजायो है,अन्तर केसर की खुशबू,फूलाँ की लटक लड़ी-लड़ी ||_______________ थार केशर तिलक लगावागाँ,चाँदी को छत्तर चढ़ावागाँ,केशरियो बागो ल्याया,थारी लाम्बी लाम्बी मोर छड़ी || _______________ थारो छप्पन भोग बनायो है,सब भगताँ न बुलवायो है,थाण …

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म्हाने पिहरियो सो लागै खाटू धाम…Mhane Pihariyo So Lage Khatu Dham…

म्हाने पिहरियो सो लागै खाटू धामरहवादयो म्हानै पिहरियो ।। टेर।। (तर्ज – थांसु विनती करां हां…) महिने का दिन गिन गिन काटाजद या ग्वारस आवैबाबुल म्हारो बड़ों सयानोझाला देर बुलावै म्हारै सासरिये मा करनो पड़े काम||१|| रहवादयो म्हानै पिहरियो________________ आईये को पिहरियों म्हारेसासरियो भी पूजे म्हारै ससुराल म बाबुल को नाम ही गुजेम्हारै बापूजी रो …

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मोरछड़ी हाथां में थारे मुखड़ो चमके…Morchadi Hathan Main Thare Mukhro Chamke…

मोरछड़ी हाथां में थारे मुखड़ो चमकेओ खाटूधाम से आवोनी बाबा लीले चढ़के ।। तर्ज:- पगल्यारी पायलड़ी बाजे हाथां रो चुड़लो… मुख मण्डल की शोभा प्यारी,बाल है घुंघरवालाहाथ जोड़कर विनती करूँ में,सुणल्यो कालाआसी दिल ने भी आराम,थासु बात करकेओ खाटूधाम से आवोनी …।। 1 ।। _______________ हारया का थे साथ निभावो,म॒त ना देर लगावोम्हे भी द्वार …

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खाटूवाले रे हमको बुलाले तू दरबार…Khatuwale Re Humko Bulale Tu Darbar…

खाटूवाले रे हमको बुलाले तू दरबारदर्शन को तेरे आये पूरा परिवार ॥ तर्ज:- क्यों घबराए रे मेरा तो श्याम से नाता है… चारों तरफ गूंजे एक नारा है,हारे का साथी श्याम हमारा हैजब भी संकट घेरे आया है,बाबा दौड़ा दौड़ा आया हैदीवाना बन के झूमे पूरा संसार ….खाटुवाले रे हमको बुलाले तू दरबार…॥1॥_______________ हारे जग …

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बाबा तेरी नगरी का बड़ा सुंदर नजारा है…Baba Teri Nagri ka Bada Sundar Najara Hai…

बाबा तेरी नगरी का बड़ा सुंदर नजारा है चंदा सा मुखड़ा तेरा हमे लागे बड़ा प्यारा है ॥। तर्ज :- बाबुल का ये घर… दरबार की तेरे व शोभा निराली हैआता है जो दर पे नहीं मुड़ता वो खाली हैलाखों की किस्मत को बाबा तुमने सँवारा हैचंदा सा मुखड़ा तेरा…।। 1 ।।___________________ स्वार्थ की दुनियां …

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उलझन में भी ओ बाबा – Uljhan me bhi o baba

उलझन में भी ओ बाबा संतोष कर रहे हैं तेरा हाथ पीठ पर हम महसूस कर रहे हैं उलझन में भी ओ बाबा … तर्ज – किरपा को क्या मैं गाउ, कृपा से गा रहा हूं corusजो भी जहाँ में पायाहै श्याम तेरी माया तू ज़िन्दगी है तू ही बंदगी है मेरी तू बंदगी है …

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मैं हार के दर तेरे आया हूँ- Mai Haar Ke Tere Dar Aaya Hun

मैं हार के दर तेरे आया हूँमेरा दूजा कोई सहारा नहीं मैं निर्बल निर्गुण दीं प्रभु मेरी भूलों को बिसराओ हरी मैं हार के दर तेरे आया हूँ …. तर्ज – कभी फुर्सत हो तो जगदंबे मैं भूल के सब कुछ बैठा हूँअब आस तुझी से श्याम मेरी मैं तो हारा हुआ तेरा दास प्रभु …

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तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना…Teri Meharwani Ka Hai Bojh itna…

तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना,अभी मैं उठाने के काबिल नहीं हूँ।आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ,तेरे दर पे आने के काबिल नहीं हूँ। ______________ जमाने की चाहत में खुद को मिटाया,तेरे नाम हरगिज जुबाँ पर न लाया।गुनहगार हूँ मैं, खतावार हूँ मैंतुम्हें मुहँ दिखाने के काबिल नहीं हूँ॥ ______________ तुम्ही ने अदा की …

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श्यामा मेला में ले चालू रे…Shyam Mela Mein Le Chalu Re…

श्यामा मेला में ले चालू रे… तनै दिवादयूं रेवड़ी में बड़ा तुलाल्यू रे॥टेर॥ चालै छः तो चालै साँवरा मेलो उल्टयो जावै।तूँ बैठो मन्दिर कै मांही, दुनियां माल उड़ावे॥थारा भकतां ने बुलाले रै॥१॥ नया-नया छः ख्याल खीलूणां, कांच कडूल्या मोती ।तने दिवादूँ अलगाजा, मैं लेल्युला पोथी॥आपा गाता-गाता चाला रै॥२॥ सौ रूपया का खुल्ला कराले, दे दे …

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है गिरधर गोपाल कन्हैया…Hey Girdhar Gopal Kanhaiya…

है गिरधर गोपाल कन्हैया,तेरो एक सहारो है,सिवा तुम्हारै ई दुनिया मं,दूजो कुण हमारो है ।।______________ तेरी मेरी प्रीत पुराणी,मतना आँख चुरावै तूं,नाव पुराणी भवजक् गहरा,छलिया क्यूँ तरसावै तूं,पलक उघाड़ करै मत देरी,दाता दूर किनारो है ॥।है गिरधर गोपाल कन्हैया…… ______________ दयासिन्धु दीनन हितकारी,वासुदेव बनवारी नै,हिम्मतहारी है गिरधारी,टेरूँ कृष्ण मुरारी नै,पैल्यां भी तो तूं ही मेरो,अटक्यो …

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