तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना…Teri Meharwani Ka Hai Bojh itna…

तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना,अभी मैं उठाने के काबिल नहीं हूँ।आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ,तेरे दर पे आने के काबिल नहीं हूँ। ______________ जमाने की चाहत में खुद को मिटाया,तेरे नाम हरगिज जुबाँ पर न लाया।गुनहगार हूँ मैं, खतावार हूँ मैंतुम्हें मुहँ दिखाने के काबिल नहीं हूँ॥ ______________ तुम्ही ने अदा की …

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