बेदर्द ये ज़माना…Bedard Ye Jamana…

बेदर्द ये ज़माना,
ऐ बांसुरीवाले तूं,
मुझको नहीं भुलाना ।।
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सम्बल तेरा कन्हैया, दी सौंप तुझको नैया,
गोपाल सा जहाँ में, कोई नहीं खिवैया,
हक़दार जान करके, सुनले मेरा फ़साना ।।
बेदर्द ये ज़माना …..
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खामोश देख करके, दाता को दिल दुःखी है,
चरणों में सांवरे के, पलकें झुकी-झुकी है,
मंदिर तेरा मुरारी, मेरा तो आशियाना ।।
बेदर्द ये ज़माना …..
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‘शिव’ श्यामबहादुर की, घनश्याम से करीबी,
पुतली(न) में बस गए हो, ये मेरी खुशनसीबी,
औकात मेरी क्या है, सरकार तुम निभाना ।।
बेदर्द ये ज़माना …..

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