बरसां सं यो दिन आयो…Barsan Sa Yo Din Aayo…

बरसां सं यो दिन आयो,
हिवडै मं हेत सवायो,
ठाकुर पधारया म्हारै आंगणै
ओ देखो ठाकुर पधारया…..
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मोर पुकट ट म॑ थारै, सोवै किलंगी जी,
घेर-घुमेर बागो, आभा सतरंगी जी,
सेवकिया चंवर ढुव्गवै,
सगव्णा मिल महिमा गावै,
साज सुरीला बाजै बाजणा ।
ओ देखो ठाकुर पधारया…..
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रे थारै गल् मं सोवै, हार हज़ारी जी,
फूलां का गजरा जांकी, शोभा है न्यारी जी,
अन्तर की बरखा होवै,
झांकी सैं को मन मोहै,
नर-नारी आया म्हारै बारणा ।
ओ देखो ठाकुर पधारया…..
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ऊंचै आसन पर बाबा, श्याम बिराजै जी,
कानां मं सोणा-सोणा, कुंडलिया साजै जी,
भगतां सं प्रीत निभाई,
अरजी की करी सुणाई,
‘हर्ष’ पधारया म्हारै पावणा ।
ओ देखो ठाकुर पधारया…..

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