बाबा जी नैण रसीला, ज्यूँ अमृत का प्याला जी,
म्हारां सांवरिया सरदार म्हारे हिवड़े रा हार,
थारी म्हारी बहुत पुराणी यारी जी
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बाबा जी मोर मुकुट नख बेसर कुण्डल सोहे जी,
थारो जोवा श्रृंगार, लेवा आरती उतार,
म्हे तो थारे चरणा रा प्रेम पुजारी जी
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बाबा जी जादू गारी बंसी यो चित्तचोरयो जी,
गई काळजिये रे पार दिन सुरता बिसार
बेगा आकर सुध बुध म्हारी लीज्यो जी
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बाबाजी श्याम बहादुर चरण शरण शिव आयो जी
म्हारी सुनलो पुकार लेवो थाम पतवार
थारे सु गिरधारी अर्ज गुजारी जी