अर्जी करते करते, मैं तो हार गया,
क्यों ना ली है खबर, मेरी दातार ने,
अरजी करते करते, में तो हार गया।।
तर्ज – कुछ तो है सरकार।
लाखों की बिगड़ी बनी,तेरे द्वार में,
नज़रे मुझ से फेर ली,आखिर क्यों आपने,
क्या कमी है दिखी -2,तुझे मेरे प्यार में,
अरजी करते करते,मैं तो हार गया।।
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आता रहा हूँ द्वार पे,आता ही रहूँगा,
तेरे सिवा ओ सांवरे, मैं किससे कहूंगा,
हैं ना दाता कोई -2,तुझसा संसार में,
अरजी करते करते,मैं तो हार गया।।
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हारे का है एक सहारा,जग बोले बाबा श्याम,
इसीलिए तो घर से चलकर,आया खाटू धाम,
करदे अब तू मेहर -2,मेरे परिवार पे,
अरजी करते करते,मैं तो हार गया।।
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जय जयकार करूँगा तेरी,मेरे बाबा श्याम,
फागुन में परिवार लेके,आऊंगा खाटू धाम,
लाखों देखे करिश्मे -2,तेरे दरबार में
अरजी करते करते,मैं तो हार गया।।
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