सांवरिया के आगे खड़ा हूंं कर जोड़ – Sawariya Ke Aage Khara Hu Kur Jod

सांवरिया के आगे खड़ा हूंं कर जोड़।
मायरो भरगो म्हारो प्यारो नन्द किशोर।।

तर्ज: सावन का महीना

सांवरिया के आगे खड़ा हूंं कर जोड़।
मायरो भरगो म्हारो प्यारो नन्द किशोर।।

तेरी दया से दाता लुटी रे कमाई।
तेरी दया से नानी हुई रे पराई।
नरसी के कलेज की नानी बाई कोर
मायरो भरेगो…….

तेरे भरोसे मैंने तमूरा उठाया।
तेरे भरोसे सारा लोग हंसाया।
नाचता फिरूं मैं जहां में चहूं ओर
मायरो भर्गो…….

घर घर मांगु रोटी खड़ा खड़ा खाऊं।
नानी बाई को मायरो मैं कैसे भर पाऊं।
बाबुल के कलेजे में उठ रे हिलोरें
मायरो भरगो……..

कृष्ण कन्हैया अब सह नही पाये।
गठरी उठाके प्रभु दौड़े दौड़े आते।
खजाना लुटाये भंवर चित चोर
मायरो भरगो…..

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