हनुमान सा निराला
कोई और नहीं है,
रघुनंदन का रखवाला – 2
कोई और नहीं है || टेर ||
(तर्ज : मेरे श्याम सा निराला…)
संकट मोचन नाम तुम्हारा,
“भक्तन के रखवारे’-२,
मेहन्दीपुर में आप विराजो,
“हरते कष्ट हमारे”-२,
कष्टों को हरने वाला
कोई और नहीं है || १ ||
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सेवा में रघुवर की तूने,
“लगा देईं जिन्दगानी ‘-२,
बल बुद्धि में वीर तुम्हारा,
“दूजा ना कोई सानी”-२,
बलियों में भूप निराला
कोई और नहीं है || २ ||
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“हर्ष” कहे ये आठों सिद्धि,
“नव निधियों के दाता”-२,
भक्ति और शक्ति का दाता,
“पार ना कोई पाता” -२,
श्री राम नाम मतवाला
कोई और नहीं है || ३ ||