ये राम का सेवक है, ये राम दिवाना है,
प्रभु राम की महिमा को , हनुमान ने जाना है ॥ टेर ॥
तर्ज- इक प्यार का नगमा है…
हर रोम में राम बसे , हर साँस से राम भजे,
हर हाल में बजरंगी, श्री राम का नाम जपे,
श्री राम के भजनों का, रसिया ये पुराना है ॥ १ ॥
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भाई से बढ़के इन्हें, प्रभु राम ने माना है,
बड़े सुन्दर शब्दों में तुलसी ने बखाना है,
श्री राम के चरणों में, इनका तो ठिकाना है ॥ २ ॥
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दो शब्द अनूठे है, हनुमान जपे हर पल,
ये महामन्त्र हमको, देता है आत्मबल,
कहे “हर्ष’ नाम सुमिरन, अनमोल खजाना है ॥ ३ ॥