डारो नहीं डारो रंग रसिया श्याम…Daro Nahi Daro Rang Rasiya Shyam…

डारो नहीं डारो रंग रसिया श्याम
रंग रसिया श्याम-मन बसिया श्याम॥टेर॥

देखो म्हारा उजला चीर, यांपे छिड़को नाही नीर
चाहे डारो खूब-अबीर, झारया आराम
डारो…..

रहली फीकी झलक रसीली, फागण पाछै तलक नशीली
जो गर करद्यो रंग रसीली, दूयू लत्ता न बिसराय
डारो…..

आछी कोनी हंसी मखौल, पड़सी सासू जी न तोल
मारै दुतकारै दे बोल, व उड़ा दे चाम
डारो…..

मानी मानी आई होरी, ओ “नारायण ‘ खोटी जोरी
छोड़ो गैल बिनती मोरी, ज्यास्यूं निज धाम
डारो…..

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