बाबा श्याम के दरबार मची रे होली…Baba Shyam Ke Darwar Machi Re Holi…

दोहा – फागण मं श्री श्याम को खूब सज्यो दरबार |
धरती अम्बर झूम रया, झूम उठयो सँसार ||


बाबा श्याम के दरबार मची रे होली बाबा श्याम के || टेर ||

(तर्ज: धमाल…)

कै मण लाल गजुलाल उड़त है
तो कै मण केशर कस्तूरी
बाबा श्याम…. || १ ||

कुण जी र हाथां मं रँग कटोरो
तो कुण जी र हाथां मं पिचकारी
बाबा श्याम…|| २ ||

भगतां र हाथां मं रँग कटोरो
तो श्याम जी क हाथां मं पिचकारी
बाबा श्याम…. || ३ ||

होली की मस्ती मं सगला नाचे
तो संग नाचे गिरवर धारी
बाबा श्याम… || ४ ||

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