हे दुःख भंजन, मारुती नन्दन, राम भक्त हनुमान,
भरोसा तेरा है ।। टेर |
(तर्ज: गाड़ी वले मुझे बिगले…)
माँ सीता का हरण हुआ, राम बड़े अकुलाये थे,
लाँघ समन्दर आप गये, माता की सुध लाये थे,
लाय संजीवन तुरन्त बचाये, लक्ष्मण जी के प्राण ।। १ ।।
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जिसके सिर पे हाथ तेरा, भला उसे फिर डरना क्या,
जिसे भरोसा तेरा है, और उसे फिर करना क्या,
बाल ना बांका करने पाये, बड़े-बड़े तूफान ।। २ ।।
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त्रेता राजा राम का था, द्वापर था गोपाल का,
हर युग डंका बजता रहा, माँ अंजनी के लाल का,
चारों युग प्रताप तुम्हारा, बजरंगी बलवान ।। ३ ।।
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बल-बुद्धि का दाता तू, मेरा भाग्य विधाता तू,
“हर्ष” पड़े जब भी विपदा, पल में दौड़ा आता तू,
पक्त शिरोमणी सदा बचाये, अपने भगत की आन || ४ ।।