सारै भगतां को मनड़ो…Sare Bhagtan Ko Mando…
सारै भगतां को मनड़ो,लुभाय रहयो रेसती दादी को मेलो तोआय गयो रे I।टेर।। तर्ज : दो हंसो का जोड़ा चौदस ने मईया,को कीर्तन म्है गावाँ,मावस नै मईया,कै धोक म्है लगावाँ,रुप मईया को मन मूँ,समाय रहयो रे, दादी…._______________ रोली और मोली,और चावल म्है ल्याया,चूड़ो और चूनड़ी,और काजल म्है ल्याया,रंग मेंहदी को म्हानै,सुहाय रहयो रे, सती दादी…_______________ …