थानै नित नया भजन सुनाऊँ-थानै रोजीना समझाऊँ,
श्याम म्हार से दूर कैया जावों छो।
श्याम म्हारा…….
( तर्ज: थाने काजलियो बनालू थाने नैना…. )
अब म्हारी रातां री नींद उड़ जाबै छै-२ जद याद थारी ,आजाव छै-२,
म्हारी आँख्या में आँसू जाने कैया आव छै जी श्याम कैया आव छै,
म्हाने काई तो समझावो म्हाने सांची बात बतावो,
श्याम म्हारा…….
थारो समदर्शी नाम, बतावे छै-२ ,पीछे म्हारो ही क्यों जीव दुखावै छै,
थानै भीलणी रा जूठां बेर कैया भावै छै जी श्याम कैया भाव छै,
कैया तारयो सदम कसाई, कैया बण गया नन््दो नाई,
श्याम म्हारा…….
थे तो दुखियाँ का दुखड़ा मिटावों छो-मिटावो छो,
दिन में लाखों री बिगड़ी बनाओ छो-बनाओ छो,
म्हानै सो गज दिखाके दो गज कैया नापो छो जी , श्याम कैया नापो छो,
थे म्हानै बेचो तो बिक जाऊँ, थे म्हानै राखशो जैयां रह जावा,
श्याम म्हारा…….
ओ थार सोहन लाल गुण गाव छे गुण गाव छे,
थारा चरणां में शीश नवाबे छे-नवावे छे,
ओ म्हारे मन की मनमोहन काई मन मेंही जावेली जी मन मेंही जावेली,
म्हारो बेड़ो पार लगादूयो, म्हानै कैया तो समझादयो,
श्याम म्हारा…….