तर्ज – ओ पालन हरे
सुन ले बाबा श्याम, मैं हूं परेशान
बाबा मेरी नैया पार करो
मन में है उलझन,सुलझवो भगवन्
बाबा मेरी नैया पार करो ।
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मुझको तेरा है एक सहारा
मेरी नैया को दोगे किनारा
रस्ता सुझे ना,अपना दिखे ना
बाबा मेरी नैया अब पार करो ।।
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इस जहां में थे जितने भी अपने
अब दुख में दिखा ना, कोई संग में
अब तुम ही बचावो ना, साथ निभावो ना
बाबा मेरी नैया अब पार करो ।।
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लाज लुटने लगी है अब मेरी
काहे करते हो बाबा तुम देरी
राजेश रो रहा, हिम्मत खो रहा
बाबा मेरी नैया अब पार करो ।।
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