श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते है…Shyam Teri Tasveer Sirhaane Rakh Kar Sote Hain…

श्याम तेरी तस्वीर
सिरहाने रख कर सोते है,
यही सोच कर अपने

दोनों नैण भिगोते है,
कभी तो तस्वीर से निकलोगे,
कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे ।।

(तर्ज : लाल दुपट्टा उड़ गया रे)

नन्हें नन्हें हाथों से
आकर मुझे हिलाएगा,
फिर भी नींद न टूटे तो,

मुरली मधुर बजाएगा,
जाने कब आ जाये

हम रूक-रूक कर रोते हैं ।। 1 ।।
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अपनापन हो अंखियों में
होंठों पे मुस्कान हो,
ऐसा मिलना जैसे की

जन्मों की पहचान हो,
इसके खातिर अंखिया

मसल-मसल कर रोते है ।। 2 ।।
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कभी कभी घबराये क्‍या,
हम इसके हकदार है,
जितना मुझको प्यार है,

क्या तुमको भी प्यार है,
यही सोच के करवट

बदल-बदल कर रोते है ।। 3 ।।
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एक दिन ऐसी नींद खुले
जब तेरा दीदार हो,
“बनवारी” फिर हो जाये,

ये अँखियाँ बेकार हो,
बस इस दिन के खातिर

हम तो दिन भर रोते है ।। 4 ।।

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