श्याम सलोना इतनी बता दे…Shyam Salone Etni Bata De…

श्याम सलोना इतनी बता दे, आज पूछ कर जाऊंगा,
दर-दर ठोकर खातो जीवन कब तक यूंही बिताऊंगा,

( तर्ज: कस्मे वादे प्यार वफा…. )

मायत होके कद या सोची यो टाबर क्‍यों भटके है,
थारे होता दुःख पांवां म्हे बात जरा या खटके है,
आज तलक लुक-छिप करजीयो कद तक मुखने छिपाऊंगा,
श्याम सलोना………


भाई बन्धू रिश्तेदरी ये सब गोरख धंधा है,
श्याम ही नैया पार करेंगे बोले सगला बंदा है,
सुननी तो थाने पड़सी मोहन, जान की बाजी लगाऊंगा,
श्याम सलोना………


अपनाकर क्यूं छोड्यो भंवर में, थारे लायक काम नहीं,
गर याही थे चाल चालस्यो, लेसी कोई नाम नहीं,
जब तक ना पूंछोगा आंसू, तब तक रौतो जाऊंगा,
श्याम सलोना………


जगत नियन्ता पालन करता थांसू अरज गुजारू हूँ,
कद उगसी किस्मत को सूरज बैठयो बाट निहारू हूँ,
मिल सक्‍यो जो थारो सहारो, मौज से जिन्दगी गुजारूंगा
श्याम सलोना………


आनन्दी थे खुलकर बोलो, कांई नीत धणी थारी,
भूल-चूकी की माफी चाहंवा, या ही मां है अरजी म्हारी,
आज थामले हाथ “पवन ” को जनम-जनम गुण गाऊंगा।
श्याम सलोना…..

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