शिव के प्यारे गणेश, काटो विघन कलेश |
मेरे अंगना पधारो मैं तर जाऊंगा ||
इक दया की नजर आप करदो इधर |
मेरी बिगड़ी सुधारो मैं तर जाऊंगा ||
तर्ज – मेरे रश्के कमर
रिद्धि सिद्धि के दाता कहें आपको |
ज्ञान बुद्धि ज्ञाता कहें आपको ||
कर के मूषक सवारी चले आइये |
मेरा जीवन सँवारो, मैं तर जाऊंगा ||
लड्डू मोदक का भोग चढ़ायें तुम्हें |
सारे देवों से पहले मनायें तुम्हें ||
नाम सुमरन करें शीश चरनन धरें |
पार भव से उतारो मैं तर जाऊंगा ||
शिव के प्यारे गणेश, काटो विघन कलेश |
मेरे अंगना पधारो मैं तर जाऊंगा ||
इक दया की नजर आप करदो इधर |
मेरी बिगड़ी सुधारो मैं तर जाऊंगा ||