रखोगे जिस हाल में,रह लूॅगा सरकार – Rakhoge Jis Haal Me Reh Lunga Sarkaar

रखोगे जिस हाल में,रह लूॅगा सरकार।
ये तो निश्चित है बाबा, छोङूॅ ना तेरा द्वार।।

तर्ज – देना हो तो दीजिये

भले बुरे की सोच तुम्हे है,
लिया तुम्हारा शरणा है
जेहिं विधि होय नाथ हित मोरा,
प्रभु तुम्हें वो करना है
मुझसे ज्यादा तुं समझे,
क्या है मुझको दरकार।।

हे मेरे तन मन के स्वामी,
मुझे भरोसा तेरा है
दीन दुखी का साथ निभाते
ये तो अनुभव मेरा है
प्रभु तेरी कृपा बरसते
मैंने देखा है कई बार।।

अन्तर्मन की अन्तर्यामी
तुझको क्या बतलाऊॅ मै
हर कण कण में नेत्र तुम्हारे
तुमको क्या दिखलाऊॅ मैं
हर दुख तकलीफ का बाबा
तेरे हाथों में उपचार।।

सौंप दिया है तुझको जीवन
मैं क्यों चिन्ता फिक्र करूॅ
दिल का हाल सुने दिलवाला
दुनियाॅ से क्या जिक्र करूॅ
“बिन्नू” क्यों दर दर भटके
जब मालिक है दिलदार।।

Leave a Comment

Your email address will not be published.