पी ले ज़रा, जी ले ज़रा,
श्याम की अँखियों से अमृत बरसे,
पी ले ज़रा, जी ले ज़रा ।।
तर्ज – वादा न तोड़
पहले-पहले सारे इसको, शौक से पीते,
बाद में सारे इसको, पीकर के जीते,
अब ये मस्ती ना सर से उतरे, ओ ओ..
पी ले ज़रा, पी ले ज़रा ।।
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मस्ती का जिसको इक बर, चस्का लगा है,
सारे जग से वो, बेगाना बना है,
उसको सब कुछ मिला इस दर से, ओ ओ..
पी ले ज़रा, पी ले ज़रा ।।
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जिसको नशा ये इक बर, लग जाता है,
उसको प्रभु का दर्शन, मिल जाता है,
बाकी किस चीज को अब तरसे, ओ ओ..
पी ले ज़रा, पी ले ज़रा ।।
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बहुत वक़्त पहले इसको, हमने चखा था,
इसका असर सीधे, दिल पर चढ़ा था,
अब तो आनंद ही आनंद बरसे, ओ ओ..
पी ले ज़रा, पी ले ज़रा ।।