म्हारे घर को मालिक तू है,
कोई फिकर नहीं म्हाने।
दोहा – थारे हाथां सौंप दी,घर की चाबी श्याम,
जद से तू मुखियों बण्यो,मिट गया कष्ट तमाम।
म्हारे घर को मालिक तू है,
कोई फिकर नहीं म्हाने,
तू जाणे तेरो काम जाणे,
तू जाणे तेरो काम जाणे।।
म्हा पर थारी मर्जी चाले,
थारी डोर हिलाई हाले,
म्हारी नस नस पहचाने,
तू जाणे तेरो काम जाणे,
तू जाणे तेरो काम जाणे।।
कोई उलझन जद आ जावे,
कदे नहीं तू देर लगावे,
झट आ जावे सलटाने,
तू जाणे तेरो काम जाणे,
तू जाणे तेरो काम जाणे।।
तेरो भरोसो म्हाने भारी,
खिल रही म्हारी फुलवारी,
घणो अचम्भो दुनिया ने,
तू जाणे तेरो काम जाणे,
तू जाणे तेरो काम जाणे।।
‘रजनी’ तेरी प्रेम दीवानी ,
‘बिन्नू’ केवे शीश का दानी,
भुला ना जाजे तू म्हाने,
तू जाणे तेरो काम जाणे,
तू जाणे तेरो काम जाणे।।
म्हारे घर को मालिक तु है,
कोई फिकर नहीं म्हाने,
तू जाणे तेरो काम जाणे,
तू जाणे तेरो काम जाणे।।
Written By – Binnu JI
Singer – Rajani Rajasthani