मेरा दिल अटका तेरी मूरत पे
मुझको तो किसी की खबर नहीं (२)
तर्ज –
जब से देखा है मैने तुझे
दिल तेरा दीवाना हो ही गया (२)
मेरे नैनो (२) को अब तेरे सिवा
कुछ और तो आता नज़र नहीं ।
मेरा दिल अटका…
क्या-क्या महिमा बतलाऊ मैं
कैसे दिल की बात बताऊँ मैं (२)
मेरा बहुत (२) पुराना नाता है,
मुझपे तो किसी का असर नहीं,
मेरा दिल अटका…
जो होगा देखा जाएगा
अब हम तो रहेंगे चरणों में (२)
अब भला (२) बुरा माँ क्या सोचे,
हमको तो चिन्ता फिकर नहीं,
मेरा दिल अटका…
जब इतना कुछ हो जाता है,
दिल मेरा मचलने लगता है (२)
मिलने को (२) तड़पते मैया से,
रहती फिर माँ सबर नहीं,
मेरा दिल अटका…