मन्दिर के आंगन मे देखी
मूरती भगवान की ।।
तर्ज – सांवली सूरत पे मोहन
प्यार करो तो ऐसा करलो
जैसे मीरा ने किया
जहर के प्याले मे देखी,
मूरती भगवान की
प्यार करो तो ऐसा करलो
जैसे द्रोपती ने किया
साड़ी के पल्लू मे देखी,
मूरती भगवान की
प्यार करो तो ऐसा करलो
जैसे हनुमत ने किया
सीना फाड़ दिखाई जग को
मूरती भगवान की
प्यार करो तो ऐसा करलो
जैसे नरसी ने किया
नानी ने बीरा मे देखी,
मूरती भगवान की
प्यार करो तो ऐसा करलो
जैसे करमा ने किया
खीचड़ी के थाली मे देखी,
मूरती भगवान की
प्यार करो तो ऐसा करलो
जैसे सुदामा ने किया
आंसू के बूंदो मे देखी,
मूरती भगवान की।।