किसी की गुलामी की जरूरत ना होगी
नौकरी कन्हैया की करके तो देखो
रहोगे सदा इनकी निगाहो में प्यारे
चाकरी कन्हैया की ………..
तर्ज – तुम्हे दिल लगी भूल
फरियाद सुनते प्यारे साँवरे सभी की
मिलती है मंजिल उनको जो होती करीबी
छलकाए आंसू नैना हर पल खुशी से
मिलता सहारा इनको हर घड़ी इन्हीं से
कभी जिंदगी में मुसीबत ना होगी
बंदगी कन्हैया की……….
_________________
दातार इनके जैसा न जग में हुआ है
बदला है जीवन श्याम जिनको छुआ है
चलती चली है इनके जीवन की नैया
बैठा मजे से नैया चलाता कन्हैया
सफर बेसहारा तबीयत ना होगी
हुजूरी कन्हैया की………
_________________
उस पल उतर जाता है जन्नत जमी पर
रहमत की वर्षा बाबा जो करते सभी पर
हारे हुए को मिलता इसका सहारा
फिर तो मजे से सबका चलता गुजारा
किसी और दौलत की चाहत ना होगी
अमीरी कन्हैया की चल के तो देखो
Bhajan By – Ravindra Ji Bharadwaj
Kahalgaon
BhajanVarsha.IN