कि भादो आया है,
चलो दादी के द्वार,
मनायें नच नच कर-2
दादी का त्यौहार,
कि भादो आया है,
कि भादो आया है….
जब जब दादी
हमको बुलाती,
दिल ये रह नहीं पाता,
भक्तों में
मस्ती छा जाती
जब-जब भादो आता
दादी का नाम लिए,
दादी के धाम चले होss
दादी का नाम लिए,
दादी के धाम चले,
करते जयजयकार,
कि भादो आया है-2
चूड़ा चुनड़ी से
हम दादी,
तुमको आज सजाते,
झूम-झूम कर
नाच और गाकर,
तुमको है रिझाते,
लाल सुरंगी
चुनड़ी उढ़ाकर हो ss
करें माँ का श्रृंगार,
कि भादो आया है-2
कहती”मधु”ओ
दादी मेरी,
कैसे दिन ये गुजारे,
हरपल आते
सपने में हमको,
केड के ही नजारे,
हाथों में निशान लिये,
दादी का नाम लिये हो ss-2
हाथों में निशान लिये,
दादी का नाम लिये,
चलो चलें केड धाम,
कि भादो आया है-2
Bhajan Request – Garima Khetan (GK)
Bhagalpur