खोलो जी आँख्या, थारा टाँवरिया निहारे
बैठयो परिवार थारो- हो-Sss
बैठयो परिवार थारो, गुणगांव, बाबा थाने ही पुकारे….
खोलो जी आँख्या……
तर्ज : सबसे पहल्या म्हें घर का देव मनावाँ…
खुशियाँ म्हारें आँगण छाई, बाबा थे पधारया जी
सगला मिल श्रृंगार करा और, थारा लाड़ लड़ावा जी
कीर्तन में थारे बाबा होsss२, रम जांवा-म्हेतो रमजावा
बाबा थाने ही पुकारे……(१)
बैठया थारे चरणां में बाबा, कोई हुकुम सुनाँज्यो जी
करगां सेवा थारी बाबा, म्हारी अरजी सुनल्यो जी
म्हापे एहसान थारो हो-Sss-२, थाने ध्यावा, बाबा थाने ही पुकारे ।
बाबा थाने ही पुकारे…….(२)
आप ही रक्षक आप ही दाता, आप ही खेवनहार हो
“मुरली” थारों कछु नही जाने, आप ही रखवार हो
सिरपर थे म्हारे रखिया-हो-Sss-२, हाथ बाबा- दोनूं हाथ बाबा
म्हे तो थाने ही पुकारे…(३)
Writer and Singer – Murli Sharma