खाले डटके रे
भोग लगाले डटके ।
कि तेरे, छप्पन भोग लगायो
मैया खाले डटके ||
(तर्ज : पल्लो लटके …)
लाडू, पेड़ा, खीर, चूरमो
हलवो भोग लगाया ।
राजभोग, रसगुल्ला, बरफी
माखन मिश्री ल्याया |
इमरती साख भरी रसदार
मैया खाले डटके ।।
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फलका पूड़ी मिसी रोटी
मोठ, चणा और भात ।
पंचमेला की दाल, कढी, और
सांगर, सरसों साग ।
कि कोन्या फोगले को
रायतो गले में अटके ।।
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पीछे खाओ सेब, संतरा
चीकू, केला, खजूर ।
आम, अनार, अंगूर, पपीता
आडू खाओ हजूर ।
कि पीयो बेदाणो लीची को रस
गट गट करके ||