कब बुलाओगे, श्याम खाटू, हम भी आएंगे
तेरी चौखट पर भावना से सर झुकाएंगे
तुझसे मिल पाएंगे हम भी तर जाएंगे
कब बुलाओगे………..
तर्ज – जैसे चाहोगे, वैसे ही, हम तुम्हें चाहेंगे
मेरी विनती, सुन लो बाबा,
मेरे दिल की आवाज है
हसरत भरी, मेरी आंखें,
दिल कह रहा जो राज है
जिंदगी भर में,
श्याम पलकों पर बिठाएंगे -2
तुझसे मिल पाएंगे ……….
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तू ही जीवन,तू ही धड़कन,
तू ही मेरी मुस्कान है
तुझसे जुड़ी,मेरी सांसे,
तू ही मेरा अरमान है
तुझपे ही बाबा,
सारी खुशियां हम लूटाएंगे – 2
तुझसे मिल पाएंगे ……….
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क्या है मेरे,दिल की खता,
मुझसे ही क्यों नाराज है
दिल से प्रभु,चाहा तुझे,
तू ही मेरा हमराज है
आज दीवाना,
खोलकर दिल हम दिखाएंगे – 2
तुझसे मिल पाएंगे ……….
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दिल तो मेरा,बेताब है,
आकर तुझे पहचान लूं
है तड़पता,दीदार को,
दिल को प्रभु आराम दूं
आज हम तेरे,
प्यार में यहां लुट जाएंगे – 2
तुझसे मिल पाएंगे ……….
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Bhajan By – Ravindra Ji Bharadwaj
Kahalgaon
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