जब जब प्रेमी कहीं पे कोई रोता है…Jab Jab Premi Kahi Pe Koi Rota Hai…

जब-२ प्रेमी कहीं पे कोई रोता है
आँख के आँसू से चरण को धोता है
अक्सर तठन्‍हाई में तुम्हें पुकारे, ना जोर दिल पे चले…
हम हारे-हारे-हारे तुम हारे के सहारे ।

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तू है मेरा इक साँवरा मैं हूँ-तेरा इक बावरा
सुनता नहीं मेरी भला क्यूँ इतना बता दे क्या माजरा
आता नहीं है समझ कुछ मुझे … ।। हारे…

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क्या दूँ. तुझे क्या है मेरा, जो है मेरा सब है तेरा
तुमने दिया मुझको प्रश्नु सब दिल की कहूँसुन लो प्रभु
अब तेरे भरोसे रहूँसाँवरे … ।। हारे…

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तू साथ है तो डर ना सताये हर वक्‍त मेरा साथ निभाये
खाटू बुलाकर दुःखड़े मिठाये, कैसे कन्हैया करजे चुकाये
इतना बता दे मुझे साँवरे … ।। हम…

BhajnVarsha.in

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