हम सारे प्रेमी तो
खाटू धाम चले,
लेकर के हाथों में,
हम ये निशान चले,
बाबा की आये हमें याद,
जाएँगे कई दिनों बाद ।।
(तर्ज : हम दोनों दो प्रेमी)
चंग पे धमाल का थोड़ा मजा लीजिये,
घूमर पे श्याम को अपने नचा लीजिये,
मस्ती निराली है वहाँ,
खादू सा गाँव कहाँ ।।1 ।।
______________
रींगस से पैदल तो जायेंगे खादूधाम,
संग में हमारे चलेंगे, ये बाबा श्याम,
बाबा का सर पे जो हो हाथ,
भक्तों कया डरने की है बात I । 2 ।।
______________
होली में उठता है सबको वहाँ पे सरूर,
श्याम को रंगना है हाथों से अपने जरूर,
खेलेंगे होली श्याम से,
होंगे विदा फिर धाम से ।।3 ।।