हँजार मागता, फिर लाँख मागता
लाँख मांगता ये दिल करोड़ मांगता
ये दिल तुने कैसा बनाया है भोलेनाथ
ये और-और-और-और मांगता … हजार मांगता…..
तेरी शरण में आया हूँ, मन की मुरादें लाया हूँ
सुनता है भोलेनाथ मेरा, कर देता है काम मेरा
कार मांगता-उपहार मांगता, सबसे बड़ा ये आमोद मांगता-२
ये दिल तुने कैसा बनाया है भोलेनाथ… (२)
सबसे बड़े हो दानी तुम, गूंज रहा नाम तेरा
तीनों लोकों के राजा हो, तुमपे है विश्वास मेरा
काम मांगता ये नाम मांगता, शिव तेरे नाम का ये जाम मांगता-२
ये दिल तुने कैसा बनाया… (३)
दिल मेरा नादान है, इसकी भूले माफकर
जीवन मेरा सँवार दे, “मुरली” कोना इन्कार कर
प्यार मांगता दुलार मांगता, उमापति तेरा दिदार मांगता..
ये दिल तुने कैसा…
Writer and Singer – Murli Sharma