तेरै आगै पंखों रोज मैं
डुलाऊँ सांवरा
गर्मी जोर की है बोल के
पिलाऊँ सांवरा
तर्ज:- अइयाँ बैठो जइयाँ भक्तां को जवांई लागे
धूप कड़ी है और लू चालै
जम कर छाछ दही तू खालै
बोल जीरो या पोदीनों
के मिलाऊं सांवरा
गर्मी जोर की है बोल के
पिलाऊँ सांवरा
तरबूजों खरबूजों खालै
तन की गर्मी दूर भगालै
फेरूं ठंडाई सरबत की सेवा
ल्याऊं सांवरा
गर्मी जोर की है बोल के
पिलाऊँ सांवरा
रोटी सागै अमरस लायो
जै भावै तो और घलायो
पानी कैरी को भी स्वाद सो
चखाऊँ सांवरा
गर्मी जोर की है बोल के
पिलाऊँ सांवरा
मटका को है ठंडो पानी
पिलो घट घट शीश का दानी
थाने पान मैं बनारसी
खिलाऊँ सांवरा
गर्मी जोर की है बोल के
पिलाऊँ सांवरा
छोटी सी अर्जी या सचिन की
करदे बाबा मेरे मन की
सारी जिंदगी या चाकरी
निभाऊं सांवरा
गर्मी जोर की है बोल के
पिलाऊँ सांवरा
Bhajan Request – Ashish Deora
Bhagalpur Bihar