गणपत बप्पा मोरिया,
शिव गौरी के लाल
शिव गौरी के लाल गजानंद,
शिव गौरी के लाल
गणपत बप्पा मोरिया..
तर्ज – प्राईवेट
माथे मुकुट विराजे गणपत,
गल मोतियन की माला
कानां माही कुण्डल साजै,
गणपत सूण्ड सुण्डाला
पग में सोहे पैजनियाँ और
ठुमक-ठुमक चले चाल
गणपत बप्पा मोरिया…….
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रिद्धि सिद्धि के संग बिराजे,
हाथ में फरसा सोहे
एक दन्त और चार भुजाएँ,
मुषक वाहन सोहे
भोग लगत है गणपत जी थारे,
लडुवन भर भर थाल
गणपत बप्पा मोरिया………
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बाल मण्डल की यही कामना,
कीर्तन माँही पधारो
‘ओम’ रिझावं भजनों से,
प्रभु बिगड़े काज सँवारों
उत्सव मांही आवो गणपत,
नाचां दे दे ताल
गणपत बप्पा मोरिया……..
Bhajan Request – Anant Goyanka
Bhagalpur