दादी ओढ़ले टाबरिया थारी,
चूनड़ ल्याया ऐ, दादी ओढ़ले,
चूनड़ ल्याया ऐ भवानी थारी,
चूनड़ ल्याया ऐ, दादी ओढ़ले ।।
(तर्ज : धमाल)
कोई तो ल्याव ए मैया,
सोने रो छत्तर,
म्हें टाबरिया लाल सुरंगी,
रोली ल्याया ऐ ।। 1 ।।
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कोई तो ल्याव ए मैया,
हीरा री नथली,
म्हें टाबरिया घणी राचणी,
मेंहदी ल्याया ऐ ।। 2 ।।
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कोई तो चिनावे ए थारो,
मन्दिर देवरो,
म्हें टाबरिया सवा रूपइयो,
भेंट म ल्याया ऐ ।।3 ।।
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कोई तो बैठाव ए थाण,
स्वर्ण सिंहासन,
“बनवारी” तो मात समझ कर,
दिल म बिठाया ऐ ।। 4 ।।
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