चालो चालो साथिड़ा खाटू धाम रे,
झाला देवे मंदिर में बैठयो श्याम रे,
मनड़ो लागै ना होवे कोई काम रे ।।
(तर्ज-दिल क्यू बहका रे बहका )
बाबो म्हारो डीक रहयो बाँट सबकी,
थारी याद सतावै नहीं बात बसकी,
बातां करसी तन मन की सागै श्याम रे ।।
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साँवरो मिलेगो म्हासूँ हँस हँस के,
कालजो लगासी म्हाने कस कस के,
फेरुँ दुख को जीवन में के काम रे ।।
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श्याम से तू रिस्तो बणा के देखले,
कोनी गयो खाटू तो जाके देखले,
‘अन्नू’ गूँजे दुनियाँ में जांको नाम रे ।।