म्हारे घर को मालिक तू है,कोई फिकर नहीं म्हाने – Mhare Ghar Ko Maalik Tu Hai Koi Fikar Nhi Mhane
म्हारे घर को मालिक तू है,कोई फिकर नहीं म्हाने। दोहा – थारे हाथां सौंप दी,घर की चाबी श्याम,जद से तू मुखियों बण्यो,मिट गया कष्ट तमाम। म्हारे घर को मालिक तू है,कोई फिकर नहीं म्हाने,तू जाणे तेरो काम जाणे,तू जाणे तेरो काम जाणे।। म्हा पर थारी मर्जी चाले,थारी डोर हिलाई हाले,म्हारी नस नस पहचाने,तू जाणे तेरो …