भोग भजन

गर्मी जोर की है बोल केपिलाऊँ सांवरा…. Garmi Jor ki hai bol k pilau Sawra…तर्ज:- अइयाँ बैठो जइयाँ भक्तां को जवांई लागे

तेरै आगै पंखों रोज मैंडुलाऊँ सांवरागर्मी जोर की है बोल केपिलाऊँ सांवरा तर्ज:- अइयाँ बैठो जइयाँ भक्तां को जवांई लागे धूप कड़ी है और लू चालैजम कर छाछ दही तू खालैबोल जीरो या पोदीनोंके मिलाऊं सांवरागर्मी जोर की है बोल केपिलाऊँ सांवरा तरबूजों खरबूजों खालैतन की गर्मी दूर भगालैफेरूं ठंडाई सरबत की सेवाल्याऊं सांवरागर्मी जोर …

गर्मी जोर की है बोल केपिलाऊँ सांवरा…. Garmi Jor ki hai bol k pilau Sawra…तर्ज:- अइयाँ बैठो जइयाँ भक्तां को जवांई लागे Read More »

खाले डटके रेभोग लगाले डटके….Khale Datke Re Bhog Lgaale Datke….

खाले डटके रेभोग लगाले डटके ।कि तेरे, छप्पन भोग लगायोबाबा खाले डटके || (तर्ज : पल्‍लो लटके …) लाडू, पेड़ा, खीर, चूरमोहलवो भोग लगाया ।राजभोग, रसगुल्ला, बरफीमाखन मिश्री ल्याया |इमरती साख भरी रसदारबाबा खाले डटके ।।__________ फलका पूड़ी मिसी रोटीमोठ, चणा और भात ।पंचमेला की दाल, कढी, औरसांगर, सरसों साग ।कि कोन्या फोगले कोरायतो गले …

खाले डटके रेभोग लगाले डटके….Khale Datke Re Bhog Lgaale Datke…. Read More »