भोग भजन

थारो मनचायो म्हें भोग लगावा… Tharo Manchaho Mhe Bhog Lagawa…

थारो मनचायो म्हेंभोग लगावा,थाने छप्पन भोगमैया जी म्हें जिमावा,थे भोग लगानेआवो जी, आवो जी है एक से एक मिठाईजांकी दुनिया करे है बडाईतैयार करी या रसोईबड़ो नामी है वो हलवाई,दादी आकर के तो देखथोड़ो खाकर के तो देख,थे भोग लगाने… है हल्दीराम का भुजियाऔर चमचम बनायो तिवाड़ीरेलीसिंह को है शरबतचाखो थे बारी-बारीआवो-आवो जी सरकारथांसू बिनती …

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गर्मी जोर की है बोल के,पिलाऊँ मावड़ी… Garmi jor ki hai bol k pilau mawdi…. तर्ज:- अइयाँ बैठो जइयाँ भक्तां को जवांई लागे

तेरै आगै पंखों रोज मैंडुलाऊँ मावड़ीगर्मी जोर की है बोल केपिलाऊँ मावड़ी तर्ज:- अइयाँ बैठो जइयाँ भक्तां को जवांई लागे धूप कड़ी है और लू चालैजम कर छाछ दही तू खालैबोल जीरो या पोदीनोंके मिलाऊं मावड़ीगर्मी जोर की है बोल केपिलाऊँ मावड़ी तरबूजों खरबूजों खालैतन की गर्मी दूर भगालैफेरूं ठंडाई सरबत की सेवाल्याऊं मावड़ीगर्मी जोर …

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खाले डटके रे भोग लगाले डटके …Khale Datke Re Bhog Lgaale Datke

खाले डटके रेभोग लगाले डटके ।कि तेरे, छप्पन भोग लगायोमैया खाले डटके || (तर्ज : पल्‍लो लटके …) लाडू, पेड़ा, खीर, चूरमोहलवो भोग लगाया ।राजभोग, रसगुल्ला, बरफीमाखन मिश्री ल्याया |इमरती साख भरी रसदारमैया खाले डटके ।।__________ फलका पूड़ी मिसी रोटीमोठ, चणा और भात ।पंचमेला की दाल, कढी, औरसांगर, सरसों साग ।कि कोन्या फोगले कोरायतो गले …

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