बोलो जी दयालु दिलदार के करां…Bolo Ji Dayalu Dildar Ke Karan…

बोलो जी दयालु
दिलदार के करां।
बोलो बोलो थारी
मनुहार के करां॥

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मन को नगीनों
थाने सूँप दियो।
जाण के दरद
प्रभु मोल लियो।
जीत और हार को

विचार के करूँ ॥
बोलो-बोलो…

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मेरे कनै थे
काँई छोड़यो है।
छलिए सूँ रिश्तो
जोड़यो है।
नेहड़ो लगा कै
तरकार के करूँ ॥
बोलो-बोलो…

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‘फाँस लियो मीठी मीठी
बातो में।

बिक गयो जीव
थारे हाथों में ।
थारै से अकड़
करतार के करूँ॥
बोलो-बोलो…

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जाण के गरीब
क्यूँ इ रहम करो।
विनती पर प्रभु
मेरी ध्यान धरो।
जीवन की पतवार के
रखवार के करूँ॥
बोलो-बोलो…

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श्याम बहादुर
‘शिव’ रसियो
हँस बतलाओ
मेरे मन बसियो
लागी मेरे नेह की
कटार के करूँ॥
बोलो-बोलो…

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