भाई रे मत दीजो…Bhai Re Mat Dijo…

भाई रे मत दीजो मावड़ली ने दोष, कर्मा की रेखा न्यारी॥टेर॥.

भाई रे एक बेलड़ के तूम्बा चार, चारा री करणी न्यारी न्यारी।
भाई रे पहलो गुराँसा रे हाथ, दूजोडो मृदंग बाजणो।भाई रे
तीजो तम्बुरा वाली बीण, चोथोडो भीक्षा मांगणो॥.
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भाई रे एक गऊ के बछड़ा चार, चारा री करणी न्यारी न्यारी।
भाई रे पहलो सुरज रो सांड, दूजोडो शिव को नान्दियो।
भाई रे तीजो यो धाणी वालो बैल, चोथोड़ो बालद लादनो॥2॥.
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भाई रे एक माटी का बर्तन चार, चारा री करणी न्यारी न्यारी।
भाई रे पहले में दहिड़ो जमावे, दूजो तो शिव के जल चढ़े।
भाई रे तीजो पणिहार्या रे शीश, चोथोड़ो शमशान जायसी॥3॥
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भाई रे एक मायड़ के पुत्र चार, चारा री करणी न्यारी न्यारी।
भाई रे पहलो राजाजी री पोल, दूजोड़ो हीरा पारखी।
भाई रे तीजो यो हाट बजार, चोथोड़ो भीक्षा मांगसी॥4॥.
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भाई रे कह गया कबीरो धर्मीदास, कर्मारा भारा मेटयो॥ 5॥

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