आयो संवालियो सरकार,
लीलै पै चढ़के ।।
मूछाँ की मरोड़ कैसो रौब है निराव्ठो,
घूघरवाला बाव्ठ मेरो सांवरो रूखाव्ठो,
तो लीलै की टाप, टप-टप खड़कै।।
आयो संवालियो सरकार…
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केशरिया है बागो ज्यांपे फैंटो पचरंगो,
मोरपंख जैपुरी रुमाल है सुरंगों,
तो मुब्ठक निहार, तन्नै जीव भरकै ।।
आयो संवालियो सरकार….
बांकी सी लटक पर बावव्छे दीवानो,
मन म॑ मगन मेरो जीव मस्तानो,
जय , तेरे सं बढ़कै ।।
आयो संवालियो सरकार…
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वीर हनुमान कै निशान एक हाथ मं,
पवन कुमार सोहै सांवरै कै साथ मं,
तो देख के सवारी, अंग-अंग फड़कै।।
आयो संवालियो सरकार…
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श्यामबहादुर ‘शिव’ आरती उतारै,
अरज़ गुजारै बाबा तन-मन वारै,
तो आ गयो दयालु, दाता दया करकै ।।
आयो संवालियो सरकार….