खाटु ना आऊँ तो जी घबराता है
देखके तुझको दिल को मेरे चैन आता है
ये तेरी कृपा है तू ही बुलाता है
देखके तुझको दिल को मेरे चैन आता है
तर्ज – तुझको ना देखू तो जी घबराता है
चाँद और सितारे फूल और नज़ारे, लगते नही है अब हमको प्यारे
जबसे निहारी सूरत तुम्हारी, तबसे चढ़ी है तेरी ख़ुमारी
तब से चढ़ी है तेरी ख़ुमारी
तेरे सिवा ना कोई मुझको भाता है
तेरे सिवा ना कोई मुझको भाता है
देखके तुझको दिल को मेरे चैन आता है
हो कैसी भी मुश्किल कैसी भी उलझन, घेरे उदासी बोझल सा हो मन
आके यंहा में सब भुल जाता, रोता हुआ दिल फिर मुस्कुराता
रोता हुआ दिल फिर मुस्कुराता
भगतो पे इतना तु प्यार लुटाता है
भगतो पे इतना तु प्यार लुटाता है
देखके तुझको दिल को मेरे चैन आता है
जबसे मिला है दर ये तुम्हारा, तबसे बना में सबका ही प्यारा
आनन्द को आनन्द मिलता यंहा है, खाटु सी मस्ती बोलो कँहा है
खाटु सी मस्ती बोलो कँहा है
इसीलिए तो सोनू दर पे आता है
इसलिए तो सोनू दर पे आता है
देखके तुझको दिल को मेरे चैन आता है
खाटु ना आऊँ तो जी घबराता है
देखके तुझको दिल को मेरे चैन आता है
ये तेरी कृपा है तू ही बुलाता है
देखके तुझको दिल को मेरे चैन आता है
Bhajan Request – Priya Kejriwal
BhajanVarsha.in