एक तमन्ना दादी है मेरी
दिल में बसा लूँ सूरत तेरी
एक तमन्ना दादी है मेरी
दिल में बसा लूँ सूरत तेरी
हर पल उसी को निहारा करूँ
हर पल उसी को निहारा करूँ
दादी दादी मुख से उचारा करूँ
दादी दादी मुख से उचारा करूँ
तर्ज – जैसा चाहो मुझको समझना
रोज सवेरे उठ कर दादी
तुझको शीश नवाऊँ मैं
प्रेम भाव से भाँती भाँती का
नित श्रृंगार सजाऊँ मैं
रोज सवेरे उठ कर दादी
तुझको शीश नवाऊँ मैं
प्रेम भाव से भाँती भाँती का
नित श्रृंगार सजाऊँ मैं
हाथों से आरती उतारा करूँ
हाथों से आरती उतारा करूँ
दादी दादी मुख से उचारा करूँ
दादी दादी मुख से उचारा करूँ
इस तन से जो काम करू मैं
सब कुछ तुझको अर्पित हो
खाऊँ जो प्रसाद हो तेरा
पीऊं वो चरणामृत हो
इस तन से जो काम करू मैं
सब कुछ तुझको अर्पित हो
खाऊँ जो प्रसाद हो तेरा
पीऊं वो चरणामृत हो
आँखों से दर्शन तुम्हारा करूँ
आँखों से दर्शन तुम्हारा करूँ
दादी दादी मुख से उचारा करूँ
दादी दादी मुख से उचारा करूँ
बिन्नू की विनती माँ तुमसे
इतनी किरपा कर देना
चरणो की सेवा मिल जाए
इससे बढ़कर क्या लेना
बिन्नू की विनती माँ तुमसे
इतनी किरपा कर देना
चरणो की सेवा मिल जाए
इससे बढ़कर क्या लेना
असुवन से इनको पखारा करूँ
असुवन से इनको पखारा करूँ
दादी दादी मुख से उचारा करूँ
दादी दादी मुख से उचारा करूँ
एक तमन्ना दादी है मेरी
दिल में बसा लूँ सूरत तेरी
एक तमन्ना दादी है मेरी
दिल में बसा लूँ सूरत तेरी
हर पल उसी को निहारा करूँ
हर पल उसी को निहारा करूँ
दादी दादी मुख से उचारा करूँ
दादी दादी मुख से उचारा करूँ