गजानन्द सरकार पधारो
कीर्तन की सब त्यारी है,
आओ आओ बेगा आओ
चाव दरश को भारी है ।
थे आओ जद काम बणेला
थां पर सारी बाजी है,
रणत भंवर गढ़ वाला सुणल्यो
चिन्ता म्हारै लागी है,
देर करो मत, ना तरसाओ
चरणां अरज हमारी है ।।
गजानन्द…
रिद्वि-सिद्धि संग ले आओ विनायक
दयो दर्शन थार भगतांनं,
भोग लगावा, धोक लगावां
पुष्प चढ़ावा चरणां मं,
गजानन्द थारे हाथां म
अब तो लाज हमारी है ।।
गजानन्द…
भगतां की तो विनंती सुण लो
शीव सुत प्यारो आयो है,
जय जयकार करो गणपति की
आकर मन हरषायो है,
बरसैलों रस, अब भजनां मं
“नन्दू” महिमा न्यारी है ।।
गजानन्द…