नोमी मंगसिर की आई,
परणीजे लाडो बाई,
तनधन पधार्या म्हारे आँगणे,
ओ भगतो …।। टेर ।।
(तर्ज : ग्यारस चानण की आई…)
तोरण मारण के तांई,
“कवंरा पधार॒या ओ-२”
गंगा माँ लेवे बलाई,
“आरतो उतारया ओ-२”
साथिड़ा घूमर घाले,
गिन्नी का थाल उछाले,
नाचे बाराती म्हारे बारणे,
ओ भगतो …|| १ ||
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वरमाला पाछे बाई,
“फेरां में बैठी ओ -२”
तनधन पहराई बाई ने,
“नेग अगूंठी ओ-२”
जोशी जी मन्तर गावे,
दोन्यां सुं वचन भरावे,
माँ बापू बैठया निरखे सामणे,
ओ भगतो …|| २ ||
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छप्पन भान्ति का व्यंजन,
“आज बणाया ओ-२”
होसी इब गोठ सजन की,
“थाल सजाया ओ-२”
तनधन जी जीमण आवे,
नेवगण को नेग चुकावे,
सीठणा सखियाँ लागी घालणे,
ओ भगतो …।। ३ ।।
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सिरगूंथी होयां पाछे,
“होसी पहरानी ओ-२”
आई बिदा की घड़ियाँ,
“सखियाँ सब जाणी ओ-२”
“हर्ष” नाराणी बाई,
हो जासी आज पराई,
आँखड़ल्यां बरसे याही कारणे,
ओ भगतो …।। ४ ।।
Bhajan Request – Sunita Deora Kahalgaon
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