बाबा तेरी नगरी का
बड़ा सुंदर नजारा है
चंदा सा मुखड़ा तेरा
हमे लागे बड़ा प्यारा है ॥।
तर्ज :- बाबुल का ये घर…
दरबार की तेरे व
शोभा निराली है
आता है जो दर पे
नहीं मुड़ता वो खाली है
लाखों की किस्मत को
बाबा तुमने सँवारा है
चंदा सा मुखड़ा तेरा…।। 1 ।।
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स्वार्थ की दुनियां में
टुटा हर सपना है
एक तू ही है मात-पिता
तू ही मेरा अपना है
मेरे जीवन की बगियाँ को
तुमने ही निखारा है
चंदा सा मुखड़ा तेरा… ।। 2 ।।
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तेरे खाटू में बस जाऊं
यही दिल की तमन्ना है
तेरी सांवली सूरत का
हर एक दिल दीवाना है
“नारायण” का दुनियां में
एक तू ही सहारा है
चंदा सा मुखड़ा तेरा…।। 3 ।।