खाटू के बाबा श्याम,
मुझे अपनी शरण में ले लेना ।।
देख लियो दुनिया को मेब्ठो,
देख ली दुनियादारी,
स्वार्थ के सब रिश्ते-नाते,
स्वार्थ की ही यारी ।।
खाटू के बाबा श्याम…..
___________________
माया कै चक्कर म॑ पड़कर,
प्राणी होश गवायो,
ऊँच-नीच को भेद ना जाण्यो,
अपणो भयो परायो ।।
खाटू के बाबा श्याम…..
___________________
टूट गई आशा की लड़ियां,
बिखर गये जग सारे,
कैसे मन को धीर बंधाऊँ,
तूं ही श्याम बतादे ।।
खाटू के बाबा श्याम…..
___________________
हार गयो जीवन की बाजी,
मनड़ो चैन गंवायो,
झूठे हो गये सपने अपने,
रास जगत ना आयो ।।
खाटू के बाबा श्याम…..
___________________
कम र ‘शिव’ ने अपनी,
मन की पीड़ नाई,
तेरे से क्या छिपा है मोहन,
तूं ही करे सहाई ॥।
खाटू के बाबा श्याम…..